कॉन्ट्रैक्ट भूतों कि कॉलोनी - भाग 1 Mini द्वारा रोमांचक कहानियाँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • इंटरनेट वाला लव - 88

    आह में कहा हु. और टाई क्या हो रहा है. हितेश सर आप क्या बोल र...

  • सपनों की राख

    सपनों की राख एक ऐसी मार्मिक कहानी है, जो अंजलि की टूटे सपनों...

  • बदलाव

    ज़िन्दगी एक अनन्य हस्ती है, कभी लोगों के लिए खुशियों का सृजन...

  • तेरी मेरी यारी - 8

             (8)अगले दिन कबीर इंस्पेक्टर आकाश से मिलने पुलिस स्ट...

  • Mayor साब का प्लान

    "इस शहर मे कुत्तों को कौन सी सहूलियत चाहिए कौन सी नही, इस पर...

श्रेणी
शेयर करे

कॉन्ट्रैक्ट भूतों कि कॉलोनी - भाग 1

👻सावधान...

कॉन्ट्रैक्ट भूतों की कॉलोनी ƁЄƇƖԼ ƧƬƦЄЄƬ
यह एक काल्पनिक कहानी है किसी भी जीवित मृत इंसान या स्थल से कोई वास्ता नहीं है ,यह कहानी हॉरर पर बेस्ड है लेकिन इसमें डरावनी शक्ल के अलावा कुछ और डरावनी नहीं है ,इस कहानी में हास्यास्पद जरूर हो सकता है ,यह कहानी मैं क्रिएटर्स प्रोग्राम के लिए लिख रही हुं मज़ाक मस्ती में मनोरंजन के लिए इसलिए कमेंट करे और मेरे खास पाठक इस कहानी को पढ़कर अच्छी समीक्षा दे ताकि मेरी पहली हॉरर स्टोरी कामयाब है और साइलेंट पाठकों को भी अनुरोध है कि दो शब्द लिखे अगर उसे यह कहानी पसंद आई तो.. शुक्रिया 🙏🌹❤️

माउंट आबू...

प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण अपनी खूबसूरती कि जलवा बिखेरती यह शहर पर्यटन स्थल में शुमार है माउंट आबू में एक ऐसी ही खूबसूरत वादियों से घिरे एक कॉलोनी बेसिक स्ट्रीट है जहां सौ साल पहले श्मशान घाट हुआ करता था एक बिल्डर ने इस जमीन को खरीदा और यहां अपने बिजनेस के लिए यह पचास घरों वाला दो मंजिला कॉलोनी बनाया, पचास घरों में सिमटा ये बेसिक स्ट्रीट मानों दुनिया जहान से अलग दुनिया कि थी यहां के लोग मृत होने के बावजूद जिंदा थे और अपने अधुरी जीवन के मनोकामना को पूरी करने यमराज के दूतों से कॉन्ट्रैक्ट कर इस बेसिक स्ट्रीट में जिंदा होते थे हालांकि यहां राहगीर आकर फंसते थे लेकिन डर से नहीं चकाचौंध देखकर सबसे पहले इंटर होते ही एक चाय का स्टॉल पर जैसे ही चाय कि एक चुस्की राहगीर के अंदर जाती है वो दुनिया भूल जाते हैं और जब वो इस स्ट्रीट से बाहर आते थे तो असलियत पता होते ही दिमाग हिल जाती थी पर वो इस शहर को आजीवन याद करते थे ..😬😇😇

बिल्डर ने तो कॉलोनी बनाया था पर उस बिल्डर कि अकास्मिक हार्ट अटैक से निधन हो गया उसके आगे पीछे एक बेटा था जो उसे छोड़कर विदेश में नौकरी और शादी करके सेटल हो चुका था और पीछे छोड़ दिया पिता को इसलिए उस बिल्डर ने संपति को इस बेसिल स्ट्रीट बनाने में खर्चा किया पत्नी तो कुछ साल पहले ही स्वर्ग सिधार गई थी अकेले रहकर वो दान पुण्य का काम करता था..🙏🙏

बेसिक स्ट्रीट में ऐसा नहीं की भूत भाई बहन लोग राहगीर को अपने छत्रछाया में रखना पसंद था या अलाउ था ज्यादा से ज्यादा तीन दिन और तीन रात राहगीर बेसिक स्ट्रीट में रह सकते थे मज़े कि बात ये है कि राहगीर कि समस्या भी दूर होती थी ...✌️😂

भूतों में मेल फीमेल भी थी और हर मिजाज के लोग थे हंसी खुशी रहते थे जो वो वास्तव जीवन में नहीं कर पाए थे वो इस भूतों के कॉलोनी में रहकर खुशी मिलती थी , जैसे वो रहने के लिए आए चाहे अकेले या चाहे कपल्स हो चाहे प्रेमी-प्रेमिका बनकर या माता-पिता बनकर रहना हो ..🤩

बेसिक स्ट्रीट में एक शॉपिंग मार्केट है जहां हर खाने कि चीज मिलती हैं जो देश विदेश से खाने वा पहनने के समान है दरअसल यहां जो कैफे या रेस्टोरेंट खोले हैं और दुकानों पर जो शख्स है वो सब भूत है यहां जो भी राहगीर भूलें भटके आते हैं सबकी अच्छी खासी मनोरंजन और लजीज खाना खाते हैं यहां शबब और कबाब से लेकर शराब और डांस बार भी है ..😁😁

वैसे पाठकों के जानकारी के लिए बता दूं कि मुझे भूत प्रेतों से बहुत डर लगता है मैं कभी भी हॉरर ना देखी है और ना शौक है..

ये स्टोरी रुटिन में नहीं आएगी क्योंकि मेरी तीन कहानी चल रही है उसके पार्ट लिखना होता है तो जब तीनों पार्ट अपलोड होगी तो मैं इस कहानी के भाग बीच-बीच में अपलोड कर दूंगी

जारी रहेगी...

अगले भाग में हम यमराज के दूतों से मिलेंगे जो करप्शन से भीग चुका है और कैसे वो आत्माओं से कॉन्ट्रैक्ट लेकर कॉन्ट्रैक्ट भूतों की कॉलोनी में प्रवेश देते हैं और कैसे उसने ही यहां का सारा व्यवस्था संभाल रखा है , यमराज को बिल्कुल भी नहीं पता कि उसके नाक के नीचे ये सब भी हो रहा है 🤪👻।।

हर हर महादेव 🙏